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यह उपन्यास जेएनयू जीवन पर आधारित है। कहते हैं जो भी यहाँ कुछ साल रहकर पढ़ाई-लिखाई कर लेता है उसे प्रेम हो जाता है, यहाँ की हवा से, पहाड़ी से, यहाँ तक कि कैंटीन, रास्ते और वो सब कुछ से जिसे आँखों से देखा जा सके। जो यहाँ के हो गए वे फिर कहीं और के नहीं हो पाए।

उपन्यास में तीन मुख्य पात्र हैं- शेखर, इवा और जेएनयू। शेखर नाम का एक युवा पूरब से जेएनयू में पढ़ाई के लिए आता है और फिर जेएनयू कैसे शेखर के जीवन को साँचे में ढालता है यही इस उपन्यास का विषय है। यहाँ प्रेम है तो छात्र राजनीति भी, लाइब्रेरी में पढ़ाई है तो लाइब्रेरी कैंटीन में दोस्तों के बीच डिस्कशन भी, द्वेष है और द्वंद्व भी, ऐकडेमिक करियर है तो जीवन के संघर्ष भी। छात्र जीवन के तमाम पहलुओं को आपस में समेटे यह उपन्यास आपको देश के सबसे प्रसिद्ध और सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय में आमंत्रित-सा करता प्रतीत होता है।

तो आइए चलते हैं शेखर, इवा और उनके जेएनयू की दुनिया में…

615 पूर्वांचल हॉस्टल । Purvanchal Hostel

SKU: 9789392820878
₹299.00 नियमित मूल्य
₹269.10बिक्री मूल्य
मात्रा
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  • Author

    Raghvendra Singh

  • Publisher

    Hind Yugm

  • No. of Pages

    222

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