मूलतः संस्कृत में लिखे कौटिल्य अर्थशास्त्र को यहां सरल भाषा में प्रस्तुत किया गया है। राज्य प्रबंधन का कोई ऐसा पहलू नहीं है, जो अर्थशास्त्र में न मिलता हो। प्राचीनकाल में मौर्य साम्राज्य की नींव रखने वाले चंद्रगुप्त मौर्य के गुरु कौटिल्य ने उन्हें राजनीति, कूटनीति, विदेश नीति जैसे मुद्दों पर व्यावहारिक उपदेश दिए थे। ये उपदेश ही अर्थशास्त्र का मूल विषय हैं। आज भी पढ़ने पर यह ग्रंथ उतना ही प्रासंगिक लगता है, जितना हज़ारों साल पहले इसे लिखे जाने के वक्त था।
कौटिल्य अर्थशास्त्र । Kautilya Arthshashtra
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Author
Kautilya
Publisher
Rajpal & Sons
No. of Pages
144
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