तथ्यपूर्ण एवं निरपेक्ष इतिहास संलेखन कला और कौशल दोनों है। इतिहासकार अपनी सृजनात्मकता को सत्य और तथ्य का ऐसा अद्भुत समन्वय करता है कि एक ओर जहाँ उसमें नवीनता का समावेश होता है वहीं दूसरी ओर रोचक प्रस्तुतीकरण उसे लोकप्रियता के चरम शिखर पर पहुँचा देता है। अलाउद्दीन खिलजी इतिहास का सबसे क्रूर शासक माना जाता रहा है। प्रस्तुत पुस्तक में लेखक ने ऐतिहासिक संपुष्टि के साथ यह स्पष्ट किया है कि क्रूरता अलाउद्दीन खिलजी के व्यक्तित्व का एक पक्ष है किन्तु उसकी प्रशासन क्षमता, अर्थनीतियाँ और प्रबल महत्वाकांक्षा और कठोरता आदि ऐसे पक्ष हैं जो उसे श्रेष्ठ प्रशासक के रूप में प्रमाणित करते हैं। इसलिए केवल क्रूरता का उल्लेख उसके व्यक्तित्व का अधूरा मूल्यांकन है, एकांगी विश्लेषण है और अपूर्ण व्याख्या है। यही कारण है कि लेखक ने पुस्तक का नाम 'खिलजी वंश का सिकंदर अलाउद्दीन' रखा है। दस अध्यायों में विभक्त इस कृति में खिलजी वंश के सिरमौर अलाउद्दीन खिलजी के व्यक्तित्व का, उसके विचारों का और उसके सिद्धान्तों का सर्वांगीण विश्लेषण किया गया है। पुस्तक की भाषा सहज, स्वाभाविक और सरलता से ओत-प्रोत है। इतिहास के जिज्ञासुओं और विद्वानों के लिए तो यह कृति उपादेय है ही साथ ही साहित्यप्रिय सुधी पाठक वर्ग के लिए भी पठनीय है। अलाउद्दीन खिलजी के व्यक्तित्व को नए और मौलिक ढंग से प्रस्तुत करने वाली अनोखी कृति जो लेखक के गहन, व्यापक और तथ्यपूर्ण अध्ययन की प्रवृत्ति को रेखांकित करती है।
अलाउद्दीन खिलजी । Alauddin Khilji
Alauddin Khilji