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शावर का बुलन्द तरीन अमल हम पर इस तरह असर अंदाज़ होता है, जिस तरह एक गीत में आम और खूबसूरत अल्फ़ाज़ मौसीक़ी में ढल जाते हैं।

सज्जाद ज़हीर

 

एक मौके पर सर सैयद अहमद ख़ाँ ने कहा था "अगर खुदा ने मुझसे पूछा कि दुनिया में तुमने क्या काम किया, तो मैं जवाब दूँगा कि मैंने ख्वाजा अल्ताफ हुसैन हाली से मुसद्दसे हाली लिखवाई।" इसी तरह मैं कह सकता हूँ कि एक तहरीर मैंने भी लिखी, वह एक खुली चिट्ठी थी जो मैंने सन् 1948 में साहिर लुधियानवी के नाम लिखी थी।

ख़्वाजा अहमद अब्बास

 

साहिर का यह कारनामा है कि उसने फ़िल्मों को ऐसे गीत दिये जो सियासी और समाजी शऊर से लबरेज़ हैं।

जाँ निसार अख़्तर

 

मुझे अकसर सोचना पड़ता है कि मैं साहिर को उनकी शायरी की वजह से अज़ीज़ रखता हूँ या उनकी शायरी को साहिर की वजह से।

कैफ़ी आज़मी

साहिर की शायराना जादूगरी | Sahir Ki Shayrana Jadugari

SKU: 9789355430809
₹299.00 Regular Price
₹269.10Sale Price
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  • Author

    Arvind Mandloi

  • Publisher

    Manjul Publishing

  • No. of Pages

    215

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