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अगर आपका मन शायरी में अल्फ़ाज़ कैसे झूमते हैं, ये देखने का हो; जज्बात लफ़्ज़ों में कैसे बात करते हैं, ये जानने का हो; विचार को चारदीवारी से बाहर निकालकर सब तक कैसे पहुँचाया जाता है, ये समझने का हो; या फिर शायरी में शायरी से मुहब्बत कैसे की जाती है, ये देखने का हो; दिल के ख़त पर दस्तख़त कैसे किए जाते हैं, ये हुनर सीखने का हो; सामान्य बात को विशेष कैसे बनाया जाता है, इस प्रतिभा से परिचित होने का हो; या फिर विशेष और कठिन से कठिन बात को साधारण तरीके से कहने की कला सीखने का हो, तो ये सारी चीजें आपको एक ही व्यक्तित्व में मिल जाएँगी और उस शख़्सियत का नाम है- जनाब राहत इन्दौरी !

जिसने भी उन्हें मंच पर कविता सुनाते हुए देखा है, वह अच्छी तरह जानता है कि राहत भाई लफ़्ज़ को केवल बोलते ही नहीं हैं, उसको चित्रित भी कर देते हैं। कई बार ऐसा लगता है। कि ये अज़ीम शायर लफ़्ज़ों के ज़रिए पेंटिंग कर रहा है। उनमें अपने भावों और विचारों के रंग भरकर सामने ला रहा है।

-डॉ. कुँअर बेचैन

मेरे बाद | Mere Baad

SKU: 9788183618212
₹125.00 Regular Price
₹112.50Sale Price
Only 1 left in stock
  • Author

    Rahat Indori

  • Publisher

    Radhakrishan Prakashan

  • No. of Pages

    91

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