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इतिहास के अतीत में अगर हम झाँककर देखें तो पूर्वकाल में हुए, प्रतापी राजा-महाराजाओं ने अनेक किले, राजमहल, दुर्ग, शिलालेख एवं अनगिनत ऐतिहासिक स्थलों का निर्माण करवाया, जिन्हें देखकर या उनके वीरतापूर्ण कार्यों का अध्ययन कर उनकी यादों को हम अपने जेहन में बसाए हुए हैं। उन्हीं ऐतिहासिक स्थानों में से एक है 'बुंदेलखण्ड'। वैसे तो बुंदेलखण्ड की आधारशिला में कई शूरवीरों के नाम अंकित हैं, लेकिन जिनके नाम से बुंदेलखण्ड का नाम इतिहास में उभरकर आया वह थे' महाराजा छत्रसाल'। जिन्हें बुंदेलखण्ड के गौरव एवं वीर प्रतापी राजा के नाम से भी जाना गया है। जिन्होंने बाल्यकाल से लेकर अंतिम अवस्था तक जो वीरता एवं शौर्य का परिचय दिया, उन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता।

प्रस्तुत पुस्तक 'बुंदेलखण्ड के गौरव महाराजा छत्रसाल' में वरिष्ठ इतिहासकार श्री केशव प्रसाद गुरु (मिश्रा) ने बुंदेलखण्ड के इतिहास के साथ-साथ महाराजा छत्रसाल तथा उनके वंशजों का सम्पूर्ण ब्योरा पेश किया है। जिसमें खासकर महाराजा छत्रसाल द्वारा स्वाधीनता का युद्ध सम्बन्धी जानकारी बेहद प्रशंसनीय है। सिलसिलेवार ग्यारह अध्यायों के साथ पाद टिप्पणियाँ एवं संदर्भ ग्रंथ सूची सहित उक्त शोध ग्रंथ शोधार्थियों तथा सुधी पाठकों के लिए बहुपयोगी एवं इतिहास सम्बन्धी जानकारी हेतु 'मील का पत्थर' साबित होगा 

महाराजा छत्रसाल बुन्देला । Maharaja Chatrasal Bundela

SKU: 9788179320631
₹300.00 नियमित मूल्य
₹255.00बिक्री मूल्य
मात्रा
स्टाक खत्म
  • Author

    Keshav Prasad Guru 'Mishra'

  • Publisher

    Sahitya Chandrika

  • No. of Pages

    168

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