जिस प्रकार रानी लक्ष्मीकुमारी चूंडावत की कहानियों में राजस्थान की आत्मा का सच्चा चित्र उभर कर आता है, उसी प्रकार उनके निबन्धों में राजस्थानी संस्कृति के हृदयस्पर्शी शब्दचित्र हैं। 'संस्कृतिक राजस्थान' अनुभव की ठोस सच्चाई के आधार पर लिखी गई पुस्तक है जैसा कि लेखिका ने स्वयं स्पष्ट किया है "जो कुछ लिखा है, उसका अधिकांश भाग मैंने देखा है। मैं उससे गुजरी हूँ। बड़ा हिस्सा वह है जो मेरे परिजनों का अनुभव है, शेष वह है जो हमें बचपन में शिक्षा के आधार पर सिखाया और समझाया गया"। इस पुस्तक की एक और उल्लेखनीय विशेषता लेखिका रानी लक्ष्मीकुमारी चूंडावत की निष्पक्ष लेखनी है "बिना किसी दिखावे के उन्होंने सत्य को निष्पक्ष और तथ्य को तथ्य की तरह लिखा है"। हमारे त्यौहार, राजसी गीत, बात करने और बोलने की कला, सांस्कृतिक विरासत, हमारा मनोरंजन, मानव जीवन में अमृत के समान लोकगीत और राजस्थान की समन्वित संस्कृति, ठोस आधार और निष्पक्षता से 'संस्कृतिक राजस्थान' में लिखे गए निबन्ध नए शोध की तरह प्रभावशाली हैं।
सांस्कृतिक राजस्थान | Sanskratik Rajasthan
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Author
Rani Laxmi Kumari Chundawat
Publisher
Rajasthani Granthagar
No. of Pages
152