प्रखर तपस्वी शिव, हिन्दू धर्म के सर्वाधिक पूजे जाने वाले देवता हैं। शरीर पर शेर की खाल ओढ़े, सिर पर जटाएँ बाँधे, गर्दन में एक साँप लपेटे दूर-दराज़ के ठंडे और वीरान कैलाश पर्वत पर रहने वाले शिव के कई रूप हैं। कहीं तो वह कैलाश पर्वत पर धूनी रमाये योगी का रूप लेते हैं और कहीं अपनी पत्नी पार्वती के साथ गृहस्थ का रूप धारण करते हैं। हिन्दुओं के लिए शिव अति पूजनीय हैं और उनकी आराधना का सबसे लोकप्रिय प्रतीक रूप है शिवलिंग। क्या यह शिवलिंग मात्र एक यौन का प्रतीक है - कई विद्वानों का तो ऐसा ही मानना है, किन्तु कई इससे सहमत नहीं हैं। शिव के लिंग रूप के यथार्थ का केन्द्र है यह पुस्तक। इस लिंग रूप प्रतीक के आध्यात्मिक संकेतों और अर्थों को समझने के लिए शिव-भक्ति के साथ जुड़े सभी कर्मकांड, प्रतीक और कथाओं के गहन शोध के बाद आम पाठक के लिए प्रस्तुत है यह अति रोचक और ज्ञानवर्धक पुस्तक।
शिव से शंकर तक | Shiv Se Shankar Tak
Author
Devdutt Pattnayak
Publisher
Rajpal & Sons
No. of Pages
155