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2017 में 'पद्मश्री' और 2012 में 'व्यास सम्मान' से | अलंकृत किये गये नरेन्द्र कोहली की गणना हिन्दी के प्रमुख साहित्यकारों में होती है। 1947 के बाद रचित हिन्दी साहित्य में उनका योगदान अमूल्य है। उन्होंने प्राचीन महाकाव्यों को आधुनिक पाठकों के लिए गय रूप में लिखने का एक नया चलन शुरू किया और पुराणों पर आधारित अनेक साहित्यिक कृतियाँ रचीं।

नरेन्द्र कोहली ने अपनी चिर परिचित छवि से हटकर वरुणपुत्री की रचना की है। इसमें पौराणिक कथाएँ, इतिहास, समकालीन घटनाएँ, कल्पित विज्ञान-कथा और फैंटेसी का एक अद्भुत ताना-बाना रचा है। इसकी कथावस्तु का फ़लक इतना व्यापक है कि इसमें उन्होंने धरती के सभी देशों के अतिरिक्त अन्य ग्रहों और आकाशगंगा को भी सम्मिलित किया है। राजनीति, पर्यावरण सुरक्षा, विश्व-शांति को समेटे हुए यह कथा समय और भूगोल की सारी सीमाओं को लाँघती ही चली जाती है और पाठक आनन्द और विस्मयभरी इस रचना में डुबकी के बाद डुबकी लगाता रहता है।

तोड़ो कारा तोड़ो, वसुदेव, साथ सहा गया दुख, हत्यारे, अभिज्ञान और आतंक उनकी अन्य लोकप्रिय पुस्तकें हैं।

वरुणपुत्री । Varunputri

SKU: 9789386534149
₹199.00 Regular Price
₹179.10Sale Price
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  • Author

    Narendra Kohli

  • Publisher

    Rajpal & Sons

  • No. of Pages

    133

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