लच्छी का वैवाहिक जीवन उसके दाम्पत्य जीवन के इर्द-गिर्द तो घूमता ही था, परन्तु उसके परे भी था जिसने भी लच्छी को जाना है, वह वह जरूर जानते या समझते हैं कि उसके जीवन में विवाह का एक जटिल महत्त्व है। अपनी पीढ़ी और समय की अन्य महिलाओं के समान विवाह उसके जीवन में न केवल एक नयी पहचान लाया बल्कि जीवन के प्रति एक नया रुझान भी 21 वर्ष की आयु में जब लच्छी विवाह कर अल्मोड़ा की माल रोड से लगे श्री विश्वनाथ निकेतन में आयी तो अपने मैत (मायका) जैसे "बड़े परिवार में सामंजस्य बिठाने में उसे कठिनाई नहीं हुई। रंगीली गठीली लच्छी बच्चों की चाची और बड़ों की लच्छी बनकर प्रिय हो गयी।
-पुस्तक अंश
लच्छी | Lachchi
SKU: 9789389563375
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Author
Bhumika Joshi
Publisher
Vani Prakashan
No. of Pages
151
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