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महात्मा गाँधी बीसवीं सदी के सबसे अधिक प्रभावशाली भारतीय व्यक्ति हैं, जिनकी अप्रत्यक्ष उपस्थिति उनकी मृत्यु के साठ वर्ष बाद भी पूरे देश पर देखी जा सकती है। उन्होंने स्वाधीन भारत की कल्पना की और उसके लिए कठिन संघर्ष किया। स्वाधीनता से उनका अर्थ केवल ब्रिटिश राज से मुक्ति का नहीं था बल्कि वह गरीबी, निरक्षरता और अस्पृश्यता जैसी बुराइयों से भी मुक्ति का सपना देखते थे। वह चाहते थे कि देश के सारे नागरिक समान रूप से आजादी और समृद्धि का सके सुख पा सकें। उनके बहुत से परिवर्तनकारी विचार, जिन्हें उस समय असंभव कहकर परे कर दिया गया था, आज न केवल स्वीकार किए जा रहे हैं, बल्कि अपनाए भी जा रहे हैं। आज की पीढ़ी के सामने यह स्पष्ट हो रहा है कि गांधीजी के विचार आज भी उतने ही प्रासांगिक हैं, जितने उस समय थे। कहते हैं कि गांधीगीरी आज के समय का मंत्र बन गया है। यह सिद्ध करता है कि गांधीजी के विचार इक्कीसवीं सदी के लिए भी सार्थक और उपयोगी हैं। यह पुस्तक गांधीजी के मन और विचारों की एक विस्मयकारी झांकी प्रस्तुत करती है। इसमें आज के उन्नतिशील भारत के बारे में उनके जीवंत सपनों की झलक मिलती है।

मेरे सपनों का भारत | Mere Sapno Ka Bharat

SKU: 9788170287391
₹275.00 Regular Price
₹247.50Sale Price
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  • Author

    Mohandas Karamchand Gandhi

  • Publisher

    Rajpal & Sons

  • No. of Pages

    272

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