हिन्दी के कथाकारों में आचार्य चतुरसेन का महत्त्वपूर्ण स्थान है। आचार्य जी ने मुगलकालीन तथा ब्रिटिश इतिहास का अध्ययन विशेष रूप से किया था । तत्कालीन राजघरानों से उनका निकट का संबंध रहा था इनको आधार बनाकर उन्होंने सैंकड़ों कहानियाँ तथा अनेक उपन्यास लिखे जो आज भी सार्थक हैं। साथ ही, सामाजिक विषयों पर उत्कृष्ट कहानियाँ भी लिखीं। प्रस्तुत संकलन की कहानियाँ उन्होंने स्वयं पसंद कीं और उन पर टिप्पणियाँ भी लिखी हैं।
मेरी प्रिय कहानियाँ - आचार्य चतुरसेन | Meri Priya Kahaniyan - Aacharya Chatursen
SKU: 9789350640524
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Author
Aacharya Chatursen
Publisher
Rajpal & Sons
No. of Pages
127
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