रोबेर्तो आर्ल्ट लैटिन अमेरिकन साहित्य में उतना ही प्रतिष्ठित और उल्लेखनीय स्थान रखते हैं जितना कि गेब्रियल गार्सिया मार्केज़ और इसाबेले अल्लेंदे। बहुत से समीक्षक और आलोचक उनके इस पहले उपन्यास द मैड टॉय को उनकी सबसे अच्छी रचना मानते हैं। खासकर इसलिए कि यह आत्मकथात्मक होते हुए भी एक जीवंत सामाजिक-राजनीतिक और दार्शनिक कथानक है। अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनो आयर्स की अराजक पृष्ठभूमि में यह उपन्यास एक किशोर की कहानी बयान करता है जो अमीरों का पैसा लूट कर गरीबों में बाँटने वाला लुटेरा बनने के सपने देखता है। लेकिन असल ज़िन्दगी में गरीबी, सपनों और महत्वाकांक्षाओं की टूटन से जूझते हुए उसकी ज़िन्दगी में चोरी और विश्वासघात रचनात्मकता के रूपक बन जाते हैं। कहानी कभी यथार्थवादी हो जाती है तो कभी जासूसी, रूमानी, आध्यात्मिक और दार्शनिक भी। विश्व साहित्य की दुनिया में बहुत कम ऐसे उपन्यास हुए हैं जो इतने स्तरों पर एक साथ कहानी को कह रहे हों। हथियारों, लूटमार, चोरी के प्रति आकर्षित होते हुए भी अंततः सिल्वियो अपने एक चोर दोस्त से विश्वासघात करता है, जो उसके अपने नज़रिए से नायकत्व के बिलकुल उलट है। लेकिन यही इस उपन्यास की खूबी है, और इसके नायक की भी। इस उपन्यास के स्पेनिश भाषा में कई संस्करण छप चुके हैं, नाट्य रूपांतरण भी हो चुका है और इस पर फ़िल्म भी बन चुकी है।
एक सिरफिरा खिलौना | Ek Sirfira Khilona
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Author
Roberto Arlt
Publisher
Rajpal And Sons
No. of Pages
191