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दुर्गा हिंदू धर्म के साथ-साथ बौद्ध तथा जैन धर्म में शक्ति की देवी हैं। उनका नाम दुर्ग (किला) शब्द से बना है। वे राजाओं की देवी हैं। वे जंगल के राजा सिंह की सवारी करती हैं जो कि चीन से लेकर इंग्लैंड तक हर जगह राजसी गौरव का प्रतीक है। हमारे भीतर प्रबंधन में शक्ति की भूमिका को जानने की प्रवृत्ति होती है और हम खुले तौर पर यह मानने में विफल रहते हैं कि कैसे वर्चस्व जमाने की पशुवत इच्छा श्रेष्ठ संगठनों को भी अक्सर नष्ट कर देती है। आलोचकों में शक्ति को नकारात्मक वस्तु के रूप में देखने की प्रवृत्ति होती है। लेकिन शक्ति एक महत्त्वपूर्ण साधन है जो किसी भी विचार के कार्यान्वयन को प्रभावित करता है। इसे नियमों के जरिए सीमित करने की किसी भी कोशिश का परिणाम विद्वेष के रूप में सामने आता है तथा संगठन को ऊर्जा प्रदान करने में विफल रहता है। लीडर अक्सर अपनी तुलना सिंह से करते हैं और वर्चस्व क़ायम करने की इच्छा जताते हैं, जबकि वास्तव में नेतृत्व का लक्ष्य हम सबमें विकसित होने वाले सिंह के भाव से पर्याप्त सुरक्षित रहने तथा हमारे आसपास के लोगों को सामर्थ्यवान और शक्तिशाली बनाने का होना चाहिए। लेकिन यह आसान नहीं है क्योंकि श्रेष्ठ लीडर में भी अधिक शक्ति पाने की लालसा होती है। यह पुस्तक देवदत्त पट्टनायक की बिज़नेस सूत्र से प्रेरित है और शक्ति तथा br>लीडरशिप के क्रियान्वयन पर चौंकाने वाली अंतर्द़ृष्टि प्रदान करती है। यह महत्व के लिए मानव की खोज का अन्वेषण करती है, आत्म-सम्मान वाले लोगों को वंचित रखने वाले नियमों की ताक़त बयान करती है तथा आज़ादी की क़ीमत पर भी स्थिरता बनाये रखने की ज़रूरत को दर्शाती है।.

लीडरशिप सूत्र | Leadership Sutra

SKU: 9789390924981
₹250.00 नियमित मूल्य
₹225.00बिक्री मूल्य
मात्रा
स्टॉक में केवल 1 ही शेष हैं
  • Author

    Devdutt Pattnayak

  • Publisher

    Manjul

  • No. of Pages

    141

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