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मेरी जीवन गाथा आर. के. नारायण की आत्मकथा है जिसमें उन्होंने नानी के घर बिताये बचपन के दिनों से लेकर लेखक बनने की अपनी यात्रा का वर्णन किया है। उनके लेखन में सहजता और मन को गुदगुदाने वाले हल्के व्यंग्य का अनोखा मिश्रण मिलता है जो इस आत्मकथा को एक अलग ही रंग प्रदान करता है। वे जि़न्दगी से जुड़ी छोटी से छोटी बातों को जीवन्त और मनोरंजक बना देते हैं और यही कारण है कि इस आत्मकथा को पढ़ते हुए पाठक उनके जीवन के उतार-चढ़ाव और संघर्षों में पूरी तरह डूबा रहता है। आर. के. नारायण विश्व स्तर के ख्यातिप्राप्त लेखक थे। लिखते वह अंग्रेज़ी में थे लेकिन उनकी सभी कहानियों के पात्रा और घटना-स्थल भारत की मिट्टी से जुड़े थे। उनका जन्म 10 अक्तूबर 1906 में मद्रास में हुआ था। उन्होंने अपने जीवनकाल में 15 उपन्यास, 5 कहानी-संग्रह, यात्रा-वृत्तांत और निबन्ध लिखे। उनके उपन्यास गाइड के लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। साहित्य में योगदान के लिए उन्हें 1964 में पद्मभूषण और 2000 में पद्मविभूषण से नवाज़ा गया। 2001 में 94 वर्ष की आयु में आर.के. नारायण ने इस दुनिया को अलविदा कहा लेकिन अपने साहित्य के माध्यम से पाठकों के दिलों में वे हमेशा जीवित रहेंगे।

मेरी जीवन गाथा | Meri Jeevan Gatha

SKU: 9789350643785
₹275.00 नियमित मूल्य
₹247.50बिक्री मूल्य
मात्रा
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  • Author

    R.K. Narayan

  • Publisher

    Rajpal & Sons

  • No. of Pages

    195

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