व्यापार कभी भी आसान कार्य नहीं रहा। इस क्षेत्र में अनगिनत तरह की प्रतिस्पर्धा होती है। और जिस तरह से दौर लगातार बदलता जा रहा है, सामानों की क्वॉलिटी और उसकी कीमतों में भी बदलाव होता है। यही वह चीज है जो व्यापारियों के बीच प्रतिस्पर्धा को जन्म देती है। इसलिए जरूरी यह है कि इसका भी कोई उपाय तलाशा जाए। जाहिर है कि इसका उपाय भी एक व्यापारी ही तलाश सकता है। इसलिए देहरादून के व्यापारी दिनेश कुमार गुप्ता ने यह बीड़ा उठाया। दिनेश गुप्ता ने छोटे दुकानदार से लेकर बड़े व्यापारियों तक की मुश्किलों को समझा और फिर व्यापार करने के आसान और ईमानदार तरीके लिखने शुरू किए, ताकि ग्राहक को भी सही कीमत पर अच्छा सामान मिल सके। उन्होंने जो भी उपाय सुझाए हैं, उन्हें संकलित कर किताब का नाम ‘धंधे के फंडे’ रखा, ताकि आसानी से हर किसी को इसके बारे में और उपायों के बारे में समझ में आज जाए।
धंधे के फंडे । Dhandhe Ke Funde
Dinesh Kumar Gupta