top of page
Product Page: Stores_Product_Widget

दिवाला से दीवाली तक भारतीय रेल के कायाकल्प की कहानी

भारतीय रेल विश्व की सबसे बड़ी रेल प्रणालियों में से एक है। इसका नेटवर्क 63 हज़ार किलोमीटर लम्बा है एवं इसमें 14 लाख कर्मचारी कार्यरत हैं। रेलवे के नेटवर्क की विशालता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस पर चलने वाली 13 हज़ार गाड़ियाँ रोजाना चार बार चाँद तक आने-जाने के बराबर दूरी तय करती है। चार वर्ष की छोटी सी अवधि (वर्ष 2005-08) में 70 हजार करोड़ रुपये का नकद सरप्लस कमाने का आँखों देखा हाल बयान करती यह पुस्तक बताती है कि किस प्रकार रेलवे ने गरीब यात्रियों एवं कर्मचारियों की परेशानियाँ बढ़ाए बिना 'दिवाला से दीवाली तक का सफर तय किया ।

रेलवे का कायाकल्प इस बात का जीवंत प्रमाण है कि शीर्ष नेतृत्व एवं सहकर्मियों का साझा दृष्टिकोण, सकारात्मक सोच, कुछ नया कर गुज़रने की ललक एवं सामूहिक प्रयास के बल पर गंभीर से गंभीर संकट से ग्रस्त व्यापार को भी पटरी पर लाया जा सकता है। यह पुस्तक ऐसे हर ऐसे व्यक्ति के लिए उपयोगी है, जो अपने व्यापार में 'दिन दूनी रात चौगुनी' तरक्की कर मुनाफा कमाने के इच्छुक हैं।

दिवाला से दीवाली तक | Diwala Se Diwali Tak

SKU: 9788170287872
₹250.00 नियमित मूल्य
₹212.50बिक्री मूल्य
मात्रा
स्टॉक में केवल 1 ही शेष हैं
  • Sudhir Kumar

अभी तक कोई समीक्षा नहींअपने विचार साझा करें। समीक्षा लिखने वाले पहले व्यक्ति बनें।

RELATED BOOKS 📚 

bottom of page