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हिंदू धर्म के साथ-साथ बौद्ध धर्म तथा जैन धर्म में सरस्वती ज्ञान की देवी हैं। उनका नाम कल्पना के प्रवाह (सरस) से निकला है। मानव की कल्पना हमें खोज करने, नई राह बनाने, मानसिक चित्रण करने, योजना बनाने और जोखिम कम करने में सक्षम बनाती है। हालाँकि बिज़नेस और प्रबंधन की दुनिया में कल्पना को बुरा शब्द माना जाता है। यह हमें निश्चितता से वंचित कर देता है। हम उन लोगों की कल्पना को नियंत्रित करना चाहते हैं जो हमारे लिए काम करते हैं, उनके मस्तिष्क को काम से ध्यान नहीं हटाने हेतु रोकते हैं। फिर भी हर व्यक्ति एक परिकल्पित वास्तविकता में जीता है। यह जानने से हमें प्रतिभा के साथ काम करने, मज़बूत रिश्ते बनाने तथा लोगों को वफ़ादारी तथा धैर्य के साथ किसी भी हालात का मुक़ाबला करने के लिए तैयार करने में मदद मिलती है। कल्पना को पहचानने में विफलता वह कारण है जिससे परिवारों द्वारा संचालित व्यापार-समूह पेशेवरों का प्रबंधन करने में असमर्थ हो जाते हैं और पेशेवराना ढंग से संचालित हो रहीं कंपनियाँ अप्रभावी व यांत्रिक प्रतिभा प्रबंधन प्रणालियाँ बना लेती हैं। प्रशिक्षण, शिक्षा और विकास केवल कौशल, ज्ञान तथा योग्यता के बारे में नहीं हैं, बल्कि मानव की सराहना करने के बारे में हैं। यह इस बात को पहचानने के बारे में है कि ना तो हम और ना ही हमारे आस-पास के लोग प्रोग्राम करने योग्य मशीनें हैं जिनसे हम खेल सकें। किसी भी संगठन को चलाने के लिए लोगों और रिश्तों का प्रबंधन ज़रूरी है। देवदत्त पट्टनायक की प्रभावी बेस्टसेलर बिज़नेस सूत्र से निकली यह पुस्तक कार्यस्थल पर रचनात्मकता, प्रतिभा को पोषित करने तथा टीमवर्क के महत्त्व जैसी धारणाओं को संबोधित करती है। यह पुस्तक नियोक्ताओं तथा प्रबंधकों को और अधिक प्रभावी लीडर बनने में मदद करेगी ताकि वे अपनी टीम को साथ लेकर चल सकें।.

टैलेंट सूत्र | Talent Sutra

SKU: 9789390924059
₹250.00 नियमित मूल्य
₹225.00बिक्री मूल्य
मात्रा
स्टॉक में केवल 1 ही शेष हैं
  • Author

    Devdutt Pattnayak

  • Publisher

    Manjul

  • No. of Pages

    141

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