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दुनिया के सबसे बड़े लिटरेरी फेस्टिवल की संस्थापकों और निदेशकों में एक नमिता गोखले ने एक ऐसा उपन्यास लिखा है जो बहुत प्रभावशाली है और जो दुनिया के सबसे एकाकी समूह यानी लेखकों की प्रेरणाओं और निराशाओं को लेकर है।

इसमें मुलाक़ात होती है ऐसे रंगारंग किरदारों से जिनकी ज़िन्दगी की कहानियाँ जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के समुद्र में घुलती-मिलती हैं, उनके बीच टकराती हुई चलती हैं। क्वियर साहित्य की एक वहुत बड़ी लेखिका है जिसको विद्वेष से भरी गुमनाम चिड्डी मिलती है, एक चोर है जिसको कविता लिखने का जुनून है, एक प्रतिभाशाली वाल लेखक है जिसने तय कर रखा है कि एक दिन शिखर पर पहुँचना है, एक अमेरिकी लेखक है जो अपने जवानी के दिनों के विलुप्त भारत की तलाश में है। सत्तर पार की एक एकाकी लेखिका है जो जहाँ जाती है कैनवस बैग में अपने अप्रकाशित उपन्यास की प्रति लेकर जाती है-जयपुरनामा के पन्नों पर सबकी जीवन्त कहानी है।

फेस्टिवल की तरह ही जयपुर में विविध प्रकार की कहानियाँ हैं जिनको अलग-अलग सिरों से कहा गया है। यह दिलचस्प, तेज़ गति वाला, बड़े फलक का उपन्यास है जो साहित्यिक जगत का अचूक और दिलचस्प ख़ाका प्रस्तुत करता है, जिसमें नमिता गोखले की अचूक दृष्टि तथा पठनीय शैली अपने पूरे शबाब पर है।

जयपुरनामा । Jaipurnama

SKU: 9789355188724
₹699.00 नियमित मूल्य
₹629.10बिक्री मूल्य
मात्रा
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  • Author

    Namita Gokhle

  • Publisher

    Vani Prakashan

  • No. of Pages

    240

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