top of page
Product Page: Stores_Product_Widget

खाकी में इंसान एक पुलिस अधिकारी द्वारा लिखी गई बेहतरीन पुस्तक है। जीवन के अनुभव से लिखी गई ये अद्भुत कहानियाँ पुलिस की मानवता और दयालुता को दिखाती हैं। पुस्तक का केन्द्रीय भाव यह है कि सिस्टम में आनेवाली अड़चनों के बावजूद सिस्टम के अन्दर रहते हुए एक पुलिस अधिकारी लोगों के जीवन, सम्पत्ति एवं सम्मान की रक्षा कर उनकी सेवा कर सकता है।

इस किताब में ग्रामीण परिवेश से उठकर आई.आई.टी. दिल्ली से शिक्षा प्राप्त कर भारतीय पुलिस सेवा में आए एक अधिकारी द्वारा कुछ वास्तविक घटनाओं पर आधारित कहानियों के जरिए यह दर्शाने का प्रयास किया गया है कि अच्छी पुलिस व्यवस्था से सचमुच गरीब व असहाय लोगों की जिन्दगी में फर्क लाया जा सकता है।

पुस्तक में आज के समय के ज्वलन्त मुद्दों, जैसे-आतंकवाद, अमीर-गरीब के बीच बढ़ती खाई, महिलाओं के प्रति अपराध, समय के साथ बदलते व टूटते हुए मानवीय मूल्य, भू-माफियाओं का बढ़ता हुआ जाल, अपराधियों के बढ़ते हुए हौसले आदि का सटीक एवं यथार्थ चित्रण किया गया है।

पुस्तक में दर्शाया गया है कि यद्यपि वर्तमान व्यवस्था में कुछ खामियाँ आ गई हैं, फिर भी यदि ऊँचे पदों पर बैठे लोगों में दृढ़ इच्छाशक्ति हो, इंसानियत के नजरिए से सोचने की क्षमता हो और कुछ कर दिखाने का जज्बा हो तो यही व्यवस्था, यही सिस्टम लोगों की मदद करने में बहुत ही कारगर सिद्ध हो सकता है।

भारतीय पुलिस की जड़ें ब्रिटिश साम्राज्य की इम्पीरियल पुलिस से निकली हैं। पुस्तक में थानों की कार्यप्रणाली में बदलाव लाकर जन-समस्याओं की जड़ तक पहुँचने और पुलिस व्यवस्था को लोकतंत्र की आका

खाकी में इंसान । Khakhi Mein Insan

SKU: 9788126720248
₹199.00 नियमित मूल्य
₹179.10बिक्री मूल्य
मात्रा
स्टॉक में केवल 1 ही शेष हैं
  • Author

    Ashok Kumar

  • Publisher

    Rajkamal Prakashan

  • No. of Pages

    167

अभी तक कोई समीक्षा नहींअपने विचार साझा करें। समीक्षा लिखने वाले पहले व्यक्ति बनें।

RELATED BOOKS 📚 

bottom of page