top of page
Product Page: Stores_Product_Widget

अमृतसर के जलियांवाला बाग में हुए हत्याकांड की पृष्ठभूमि पर लिखा वह | उपन्यास उस समय के माहौल का अत्यंत सजीव चित्रण प्रस्तुत करता है। 1 अप्रैल 1919 में अंग्रेज़ों ने रौलेट एक्ट के ज़रिये भारतीय नागरिकों की हर किस्म की आज़ादी पर पूरा नियंत्रण करने की तैयारी कर ली। इस कानून के खिलाफ देश भर में विरोध हो रहे थे। 30 मार्च 1919 से 10 अप्रैल 1919 तक अमृतसर के लोगों ने ऐसा प्रतिरोध किया कि वहाँ के प्रशासन ने अमृतसर के लोगों को सबक सिखाने की ठान ली। 13 अप्रैल को बैसाखी का त्यौहार मनाने हज़ारों की तादाद में लोगों का जलियांवाला बाग में जमघट इकट्ठा हो गया। इन निहत्थे लोगों पर अंग्रेज़ों ने बिना कोई चेतावनी दिए गोलियां चलानी शुरू कर दीं जिसमें हज़ारों की जानें गयीं और हज़ारों लोग घायल हो गये। निर्मम क्रूरता ने वहाँ के लोगों के बसे-बसाये घर-परिवार एक पल में उजाड़ दिये और उनकी जिंदगी तहस-नहस हो गयी। देशभक्ति और अंग्रेज़ों के प्रति विरोध के जज्बातों के बीच जूझता अमृतसर का आम नागरिक... । यही है इस पठनीय उपन्यास का ताना-बाना |

अमृतसर 1919 । Amritsar 1919

SKU: 9789386534859
₹275.00 नियमित मूल्य
₹247.50बिक्री मूल्य
मात्रा
स्टॉक में केवल 1 ही शेष हैं
  • Author

    Rajnish Dhawan

  • Publisher

    Rajpal & Sons

  • No. of Pages

    191

अभी तक कोई समीक्षा नहींअपने विचार साझा करें। समीक्षा लिखने वाले पहले व्यक्ति बनें।

RELATED BOOKS 📚 

bottom of page